Tuesday, 29 October 2013

The Most Auspicious Time for Lakshmi Puja on दिवाली

ashtalakshmiप्रस्तुत वर्ष दीपावली (Diwali) का पर्व  Sun, 3 November 2013 की अमावस एवं स्वाति नक्षत्र (until 23:02), आयुष्मान योग मे होगा।

दीपावली मे अमावस तिथि, प्रदोष, निशीथ एवं महानीशीथ काल तथा तुला का सुर्य वा तुला का चंद्रमा विशेष महत्वपूर्ण माने जाते हैं।

आयुष्मान योग तथा तुला राशिस्थ चन्द्रमा कालीन अमावस्या पुन्यप्रदायक रहेगी |

Diwali (Laxmi Puja) Muhurta 2013

प्रदोष काल - अपने नगर के Sunset time सुर्यास्त से लेकर 2 घन्टे 40 मिनट तक का समय | अर्थात Delhi (India) मे प्रदोष काल सांय सुर्य अस्त (17:34) से शुरू होकर रात 8 बजकर 13 मिनट (20:13) तक रहेगा। Delhi मे स्थिर लग्न (वृष) की व्याप्ति रात्रि 18:14 से 20:08 बजे तक रहेगी।

Shubh Chaughadia (Ratri) : 17:34 to 19:13
Amrit Choghadia (Ratri) : 19:14 to 20:53
अतेव सांय 17:34 बजे से रात 19:13 तक का प्रदोष काल विशेष रूप से श्री गणेश, श्री महालक्ष्मी पूजन, कुबेर पूजन, बसना अर्थात Accounts Books बही खातो का पूजन, दीपदान, अपने आश्रितों को Sweets, Gifts आदि बांटना तथा धर्मस्थलो पर दानादि करना कल्याणकारी होगा।
निशीथ काल (Nisheetha Kaal) में श्री महालक्ष्मी पूजन, नवग्रह पूजन, स्तोत्र, काम्य मन्तरों के जपानुष्ठान तथा ब्रह्मणो को यथा शक्ति वस्तर (cloth), फल, अनाज धन आदि का दान करना शुभ होता है।
3 Nov 2013 को दिल्ली एवं उसके आसपास के स्थानों में निशीथ काल रात्रि 20:13 मिनट से प्रारम्भ होकर रात्रि 22.52 मिनट तक रहेगा। इस अवधि में रात 20:53  से 22:32 तक  "चर" की चौघडिया रहेगी |
Mahanisheetha Kaal ( कर्क - सिंह लग्न युक्‍त ): 22.52 to 25:34+ (Midnignt) दीपावली पूजन महानिशीथकाल में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है, जिसमें पूजन शास्तरोक्त विधि अनुसार करना अनिवार्य है। महानिशीथकाल में मुख्यतः Tantrik, ज्योतिषविद, वेद्पाठी, विद्वान, ब्राह्मण, अघोरी, विधिवत, यंत्र मंत्र तंत्र (Yantra-Mantra-Tantra) द्वारा, विभिन्न शक्तियों का पूजन करते हैं एवं उनका आवाहान करते हैं। 

Kark Lagna : 22:22 to 24:45+
सिंह लग्न : 24:46+ to 27:06+
Avoid : Rog & Kaal Ki Chaughadia (Ratri) : 22:32 onwards

1. इस वर्ष अमावस सायं 18:19 तक ही होने से प्रदोष काल का विशेष महत्व रहेगा तथा यथासंभव इस काल तक पूजन प्रारंभ कर लेना चाहिए |(17:35 to 18:19)
2. निशीथ काल में श्रीसूक्त, कनकधारा स्तोत्र एवं लक्ष्मी स्तोत्र आदि मंत्रो का जपानुष्ठान करें |
3. महानिशीथ काल में तंत्र-मंत्र-यन्त्र एवं याज्ञिक क्रिया का संपादन करें |
सुझाव एवं अनुरोध : महालक्ष्मी पूजन 22:32 से पहले अवश्य कर लेनी चाहिए |

P.S: Time is believed to be correct. You may also consult your pundit/purohit.

दीपावली पूजन के पश्चात गृह में एक चौमुखा दीपक रात भर जलता रहना लक्ष्मी एवं सौभाग्य में वृध्दि का प्रतीक माना जाता है।
|| Happy Diwali 2013 ||

Labels: , , ,

0 Comments:

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home